आक जिसे उत्तर प्रदेश और उसके पड़ोसी राज्यों में लगभग मदार भी कहा जाता हैं,यह गर्मी के दिनों में बहुत ही तेज़ी के साथ बढ़ता है । प्रायः इस उपय...
आक जिसे उत्तर प्रदेश और उसके पड़ोसी राज्यों में लगभग मदार भी कहा जाता हैं,यह गर्मी के दिनों में बहुत ही तेज़ी के साथ बढ़ता है ।
प्रायः इस उपयोगी और औषधि से परिपूर्ण पौधे को हम जंगली और बेकार सा पौधा समझ कर उपेक्षित करते रहते हैं । वास्तविकता में यह पौधा अपने औषधीय गुणों के कारण प्रकृति का वरदान सिद्ध है ।
● तो मित्रों आइये जानते हैं इस आक यानी मदार के पौधे से होने वाले फायदे के बारे में -
आक के पौधे कहीं भी उग जाते हैं । यह आपको गलियो, सड़को के किनारे भी उगे हुए मिलेंगे । आक के पौधे को आक, मदार,अर्क और अकौवा भी कहा जाता हैं ।
मदार का वानस्पतिक नाम Calortropis
Gigantea हैं । यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता हैं । हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इसके पत्ते, फल और फूल को देवताओं के लिए, ख़ासकर भगवान शिवशंकर की पूजा के लिए उपयोग किया जाता हैं ।
ऐसा माना जाता हैं की यह पौधा जहरीला होता हैं और इसकी थोड़ी सी मात्रा नशा पैदा करती हैं. लेकिन इन सब के बावजूद इसके बहुत ही उपयोगी गुण इसमें पाए जाते हैं ।
चलिए जानते हैं आक के पौधे के देसी नुस्खो के बारे में :-
◆ दमा, फेफड़े के उपचार के लिए :-
हर्बल जानकार इसकी जड़ का चूरन बना कर उन मरीज़ो को देते हैं, जिन्हे दमा, फेफड़े की बीमारी या कमज़ोरी की समस्या रहती हैं ।
◆ शारीरिक दर्द और चोट ठीक करने के लिए :-
यह बहुत कम लोग जानते हैं की इस पौधे से निकालने वाले दूध का उपयोग शारीरिक दर्द को दूर करने के लिए किया जाता हैं । जानकारों की माने तो इसका दूध किसी भी तरह के दर्द को ख़त्म कर देता हैं ।
पौधे की पत्तियो और फूल को तोड़े जाने के बाद निकले दूध को चोट या घाव के आसपास लगाया जाए तो वा जल्दी ठीक हो जाता हैं ।
हालाँकि जानकारों के अनुसार यदि दूध ठीक घाव के उपर लग जाए तो पीड़ित को चक्कर आने या तेज़ जलन जैसी शिकायत हो सकती हैं, इसलिए इसे घाव की आसपास वाली तवचा पर ही लगाना चाहिए ।
◆ कुष्ठ रोग और एक्जिमा की बीमारी होने पर :-
इस पेड़ की जड़ और छाल को हाथी पाँव, कुष्ठ रोग और एक्जिमा जैसे रोगो को ठीक करने में उपयोग किया जाता हैं । घाव के पक जाने पर एक्सपर्ट्स इसकी पत्तियो की सतह पर सरसो का तेल लगाकर घाव पर लगाते हैं. उनका मानना हैं की घाव फूटकर मवाद बाहर निकल जाता हैं और घाव जल्दी सूखने लगता हैं ।
◆ ट्यूमर और काँटा चुभने पर आक से उपाय :
इसके फूल अस्थमा, बुखार, सर्दी और ट्यूमर के इलाज के लिए उपयोग में लाए जाते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल किसी जानकार के दिशा- निर्देश के बाद ही किया जाना चाहिए ।
पत्तियो को तोड़े जाने पर निकालने वाले दूध को शरीर में चुभे काँटे पर लगाने पर कुछ ही देर में काँटा बाहर निकल जाता हैं. काँटा निकालने का प्रयास किया गया हो और त्वचा पर चोट आ जाए तो भी इसके दूध को लगाना चाहिए. इससे घाव नही बनता हैं ।
◆ सूजन के लिए :-
शरीर के किसी हिस्से में सूजन हो जाए तो इसके पत्ते पर सरसो का तेल लगा कर हल्की आँच पर सेंक ले. इस तेल लगी हल्की आँच पर सेंकी पत्ती को सूजन वाली जगह पर लगाया जाए तो सूजन जल्द ही ख़त्म हो जाती हैं ।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यदि इस पौधे को खेती की ज़मीन के आसपास लगाया जाए तो इससे भू-जल बढ़ता हैं और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती हैं ।