◆ कालीमिर्च एक भाग, लहसुन तीन भाग और घी पांच भाग, भोजन के साथ सुबह-शाम खाने से जोड़ों तथा मांसपेंसियों के दर्द में लाभ होता है। ◆ कालीमिर्च...
◆ कालीमिर्च एक भाग, लहसुन तीन भाग और घी पांच भाग, भोजन के साथ सुबह-शाम खाने से जोड़ों तथा मांसपेंसियों के दर्द में लाभ होता है।
◆ कालीमिर्च, हींग, कपूर का (सभी पांच-पांच ग्राम) मिश्रण बनायें। फिर इसकी राई के बराबरगोलियां बना लें। हर तीन घंटे बाद एक गोली देने से उल्टी, दस्त बंद होते है।
◆ एक ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण तीन-चार ग्राम देशी घी के साथ लेने से शीतपित्त (एलर्जी) में लाभ होता है।
◆ कालीमिर्च का एक से दो ग्राम चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने और इसके तुरंत बाद मट्ठा पीने से पुरानी पेचिस में लाभ होता है।
◆ कालीमिर्च, सोंठ तथा छोटी पीपल का समान मात्रा में चूर्ण बनाकर एक से तीन ग्राम की मात्रा में शहद से चाटने से खांसी, श्वांस और जुकाम में लाभ मिलता है।
◆ पांच ग्राम कालीमिर्च और पांच ग्राम गंधक को पीसकर 10 ग्राम घी में मिला लें। इस लेप को लगाने से खुजली में लाभ होता है।
◆ कालीमिर्च खाने पर शरीर से पसीना निकलता है, जिससे शरीर को ठंडक मिलती है और बुखार के लक्षणों में राहत मिलती है।
◆ यह एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट है।
◆ कालीमिर्च एंटीबैक्टीरियल की तरह काम करती है।
◆ यह मैंगनीज और आयरन जैसे पोषक तत्वों का बढ़िया स्रोत है, जो शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है।
◆ खाने के साथ कालीमिर्च खाने पर शरीर इसमें मौजूद पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है।
◆ चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है ।