क्यों होती है किडनी फेल ? What is kidney fail, लक्षण, कारण व आयुर्वेदिक इलाज,(symptoms and diagnosis, deshi treatment)
क्यों होती है किडनी फेल ? What is kidney fail, लक्षण, कारण व आयुर्वेदिक इलाज,(symptoms and diagnosis, deshi treatment)
हमारे शरीर के हानिकारक पदार्थो को शरीर से छानकर बाहर निकालने का काम किडनी का ही होता है! किडनी हमारे शरीर के लिए रक्त शोधक का काम करती है, दुख की बात तो ये है के इस बीमारी का बहुत देर से पता चलता है जब तक किडनी 60-65% तक ख़राब हो चुकी होती है!
● क्यों होती है किडनी फेल-
ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहना आवश्यक है।
● लक्षण -
◆ हाथ-पैरों और आंखों के नीचे सूजन,
◆ सांस फूलना,
◆ भूख न लगना और हाजमा ठीक न रहना,
◆ खून की कमी से शरीर पीला पड़ना,
◆ कमजोरी, थकान,
◆ बार-बार पेशाब आना,
◆ उल्टी व जी मिचलाना,
◆ पैरों की पिंडलियों में खिंचाव होना,
◆ शरीर में खुजली होना आदि लक्षण यह बताते हैं कि किडनियां ठीक से काम नहीं कर रही हैं।
◆ सांस फूलना,
◆ भूख न लगना और हाजमा ठीक न रहना,
◆ खून की कमी से शरीर पीला पड़ना,
◆ कमजोरी, थकान,
◆ बार-बार पेशाब आना,
◆ उल्टी व जी मिचलाना,
◆ पैरों की पिंडलियों में खिंचाव होना,
◆ शरीर में खुजली होना आदि लक्षण यह बताते हैं कि किडनियां ठीक से काम नहीं कर रही हैं।
● किडनी निष्क्रियता रोगी के लिए डाईट चार्ट एवं हर्बल उपचार :
◆ प्रोटीन, नमक, और सोडियम कम मात्र में खाए!
◆ नियमित व्यायाम करे, अपने वजन को बढ़ने न दे, खाना समय पर और जितनी भूख हो उतनी ही खायें, बाहर का खाना ना ही खाए तो बेहतर है, सफाई का विशेष ध्यान रखे, तथा पौषक तत्वों से भरपूर भोजन करें!
◆ अंडे के सफ़ेद वाले भाग को ही खाए उसमे किडनी को सुरक्षित रखने वाले तत्व जैसे के फोस्फोरस और एमिनो एसिड होते है|
◆ मछली (Fish) खाए इसमे ओमेगा 3 फैटी एसिड किडनी को बीमारी से रक्षा करता है!
◆ किडनी रोग मे प्याज, स्ट्राबेरी, जामुन, लहसुन इत्यादी फायेदेमंद होते है ये मूत्र के संक्रमण से भी बचाते है |
● किडनी के रोग में परहेज-
किडनी के रोगी को नमकीन चटपटी खट्टी चीजे तली हुई चीजें बेकरी आइटम जैसे पाव, ब्रेड, बटर, खारी बिस्कुट, नान खटाई, सूप, जूस, कोल्ड ड्रिंक सभी प्रकार की दाले, करेला, भिन्डी, बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्ची, पत्ते वाली सब्जी जैसे पालक, चौलाई, मेथी, फलो का रस, सूखे मेवे,बेसन, पापड़, आचार, चटनी, बेकिंग पाउडर एवं सोडा लेने की मनाही है।
● किडनी के रोगी के लिए चाय-
अदरक और तुलसी के पत्ते वाली काली चाय मे थोड़ा सा काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, तेजपत्ता, अजवायन और लवंग का चूर्ण डालकर बनाए, सुबह शाम 100- 150 ग्राम चाय दे, ध्यान रखे, इसमें चाय पत्ती ना डाले।
● किडनी के रोगी के लिए नाश्ता-
उपमा, पोहा, कुरमुरा दलिया, इडली, सफेद ढोकला, साबुदाना, रवा, साबुदाना खिचड़ी बिना मूँगफली नारियल के।
● किडनी के रोगी के लिए रोटी-
किडनी के रोगी के लिए रोटी सूखी होनी चाहिए, मतलब बिना घी, तेल लगाये, मक्का, जवार, बाजरी की हो तो उत्तम, नही तो गेहू थोड़ा मोटा पिसा हुआ ले मैदे या बारीक पिसे आटे की ना बनवाए।इसके आलावा अंकुरित मूंग थोड़ी मात्रा मे उबालने के बाद खाना उपकारी होता है|
● किडनी के रोगी के लिए सब्जी -
हमेशा दो तरह की सब्जी ले एक जमीन के नीचे होने वाली जैसे आलू, मूली ,गाजर अरुई चुकंदर,शकरकन्द| दूसरी जमीन के उपर वाली लौकी भोपला गोभी पत्ते वाली ,सेम ,सहजन , नेनुआ , तुरई, कूनरू, परवल, रायता आदि।
● किडनी के रोगी के लिए सलाद-
◆ ककड़ी, खीरा, गाजर, बीट रूट, पत्ते वाली गोभी, मूली, प्याज लेकिन मूली का सेवन रात्रि मे ना करे।
● किडनी के रोगी के लिए दूध दही पनीर
◆ गाय का दूध मलाई निकालकर 100 – 150 मिली नाश्ते के समय,दही एक कटोरी दोपहर भोजन के समय और पनीर 30 ग्राम डिनर के साथ ले।
● किडनी के रोगी के लिए फल-
सेब बिना छिलके के, बेर, अमरूद, पपीता और पाईनेपल मे से कोई एक फल।
● किडनी अकर्णयता रोगी के लिए हितकारी उपचार-
◆ किडनी फेल्योर रोगी के लिए हर्बल मेडिसीन(वैध्य दामोदर 98267-95656) बहुत फायदेमंद रहती है|यह औषधि 10 मिली की मात्रा मे दिन मे 3 बार खाली पेट सेवन करना चाहिए|इससे क्रिएटीनिन और यूरिया लेविल नीचे लाने मे मदद मिलती है|
◆ गेंहू के जवारों का रस 50 ग्राम और गिलोय (अमृता की एक फ़ीट लम्बी व् एक अंगुली मोटी डंडी) का रस निकालकर – दोनों का मिश्रण दिन में एक बार रोज़ाना सुबह खाली पेट निरंतर लेते रहने से डायलिसिस द्वारा रक्त चढ़ाये जाने की अवस्था में आशातीत लाभ होता है।
◆ इसके आलावा किडनी रोगी को छोटे गोखरू का काढ़ा बनाकर भी उपयोग करना लाभप्रद रहता है||
सामग्री -
छोटा गोखरू 250 ग्राम लें| इसे 4 लीटर पानी मे तब तक उबालें की एक लीटर शेष रह जाये|ठंडा होने पर छानकर एक बोतल मे भर लें|
खुराक :
यह औषधि सुबह -शाम 100 मिली की मात्रा मे दिन मे 2 बार खाली पेट लेना चाहिए |पीने के वक्त औषधि की 100 मिली मात्रा मामूली गरम कर लेना चाहिए| काढ़ा पीने के एक घंटे के बाद ही कुछ खाइए और अपनी पहले की दवाई ख़ान पान का रूटीन पूर्ववत ही रखिए।औषधि समाप्त होने पर फिर बना लेना चाहिए|जैसे जैसे आपके अंदर सुधार होगा काढे की मात्रा कम कर सकते है या दो बार की बजाए एक बार भी कर सकते है।
● यह भी आज़माएँ
किडनी के रोगी चाहे उनका डायलासिस चल रहा हो या अभी शुरू होने वाला हो चाहे उनका क्रिएटिनिन या यूरिया कितना भी बढ़ा हुआ हो और डाक्टर ने भी उनको किडनी ट्रांसप्लांट के लिए परामर्श दिया हो ऐसे में उन रोगियों के लिए एक असरदार प्रयोग है जो इस रोग से छुटकारा दिला सकता है|
● नीम और पीपल की छाल का काढ़ा :-
◆ 3 गिलास पानी में 10 ग्राम नीम की छाल और 10 ग्राम पीपल की छाल लेकर आधा रहने तक उबाल कर काढ़ा बना ले इस काढ़े को 3-4 भाग में बांटकर दिन में सेवन करते रहे इस प्रयोग से मात्र 7 दिन में क्रिएटिनिन का स्तर व्यवस्थित हो सकता है या वांछित लेवल तक आ सकता है
◆ खून मे क्रिएटीनिन की नियमित जांच करवाते रहें| जरूरत पड़ने पर डायलिसिस करवाना चाहिए | योग्य चिकित्सक से संपर्क बनाए रखें |